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Smart City Warangal: Vision for the City

Start Date :
Sep 24, 2015
Last Date :
Nov 01, 2015
00:00 AM IST (GMT +5.30 Hrs)
The Government of lndia has launched an ambitious "Smart Cities Mission" to promote cities that provide core infrastructure and a good quality of life to its citizens, a clean and ...
जिसमें महापौर, पार्षद, विधायक, सांसद, थानाप्रभारी अथवा सीएसपी, वार्ड में रहने वाले वरिष्ठ अधिकारी और सबसे गरीब व्यक्ति के साथ अनुभव साझा किये जाएंगे। चर्चा, मंथन कर समाज के विकास में सहयोग देंगे। इन बैठकों में ऐसी पारिवारिक एवं आस पड़ोस के मनमुटाव से जुड़ी समस्याओं के समाधान के उपाय भी किये जा सकेंगे जो लंबे कानूनी प्रावधानों में उलझकर रह गई हैं। ये लोकअदालत जैसा काम कर सकते हैं। अथवा मामूली बात पर होने वाली आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाने में कारगर साबित हो सकेंगे।
ये टीम सप्ताह में सिर्फ एक घण्टे का समय अपनी समिति के प्रदर्शन को बेहतर बनाने या निखारने पर देंगे। युवाओं की टीम को नेतृत्व क्षमता विकास और आपदा प्रबंधन का निःषुल्क प्रषिक्षण दिया जाएगा ताकि मुष्किल समय में वे अपनी समस्याओं का तत्काल निराकरण करने में सक्षम हो सकेंगे। ये टीमें शासकीय योजना, सुझाये गए उपायों और लिये गए निर्णयों पर अपनी सतत निगरानी रखेंगे। इनकी वार्ड स्तर पर ही महीने में दो बार बैठक होगी
और हर महीने सेमीफाइनल अथवा फाइनल मुकाबले होंगे।
इन सबके लिए प्रत्येक वार्ड में कम से कम सौ-सौ बुजुर्गों का समूह बनाया जाएगा। सौ-सौ महिलाओं की टीम बनाई जाएगी। सौ-सौ बच्चों और सौ-सौ युवाओं एवं सौ-सौ वरिष्ठ युवाओं की टीम बनाई जाएगी जो अपने-अपने स्तर पर एवं मिलकर सभी कार्यक्रम तैयार करेंगे, वार्ड की प्रतिभाओं की पहचान करेंगे, वार्ड की समस्या पर विचार करेंगे और समाधान के उपाय सुझायेंगे।
जैसे कई खेलों की बनेगी नगर पालिका निगम भोपाल की ओर से महापौर खेल ट्राफी का आयोजन कराया जाएगा, जिसमें वार्ड स्तर से खिलाड़ी चयनित होंगे और फिर आपस में ही वार्ड स्तर पर ही पहले खेल भावना से प्रतियोगिता होगी। अच्छा प्रदर्षन करने वाले खिलाडि़यों को काॅलेज स्तर, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्षन का अवसर मिल सकेगा। अच्छे खिलाड़ी और खेलप्रतिभाएं निकलेंगी। हर वार्ड की पहचान वहां की खेल टीम और बेहतर प्रदर्षन करने वाले खिलाड़ी के नाम पर भी होगी। हर सप्ताह वार्ड स्तर पर प्रतियोगिता होगी और
पूरा वार्ड एक परिवार की इकाई की तरह काम करेगा ऐसा भाव सभी में विकसित किया जाएगा।यदि कोई वार्ड या मोहल्ला/समिति सौर ऊर्जा से संचालित हो रहा है अथवा वहां के लोगों ने सफाई व्यवस्था, सीवेज सिस्टम को सुधारने के कोई अच्छे विकल्प स्वयं के संसाधनों से तैयार किये हैं तो ऐसे वार्ड को भी पुरस्कृत किया जाएगा। इससे मेक इन इंडिया की योजना को भी सफल बनाने में सहायता मिलेगी। हर वार्ड में युवा खिलाडि़यों की एक टीम होगी। यह टीम फुटबाल, वालीबाॅल, कबड्डी, हाॅकी, शतरंज (एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को पेश करने वाली)
तो न्यायालयों और पुलिस में काम का बोझ कम होता है। ऐसे वार्ड/समिति को प्रेरणा के रूप में किसी महापुरूष के नाम पर पुरस्कृत किया जाएगा। जैसे कोई वार्ड महिला-पुरूष अनुपात में अच्छा है या किसी वार्ड में कन्याओं की संख्या बढ़ी है या पौधारोपण, हरियाली में मिसाल कायम की है या शत प्रतिषत वाटर हार्वेस्टिंग तकनीक को अपनाया है तो ऐसे वार्ड को भी किसी समाजसेवी महिला के नाम से पुरस्कार दिया जाएगा। जैसे यदि कोई वार्ड सर्वाधिक या सबसे पहले राजस्व जमा करने में प्रथम आता है तो वह वार्ड भी सम्मानित किया जाएगा।
हर मोहल्ला या वार्ड/समिति की एक खास पहचान या खास विषेषता होगी। इस वार्ड या मोहल्ले को स्थानीय निवासियों की भागीदारी से संवारा जाएगा। इन खास विषेषता वाले वार्ड या मोहल्ले को नगर पालिका निगम की ओर से हर वर्ष कोई एक श्रेष्ठ विकास कार्य अथवा कार्यक्रम के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। कोई वार्ड अपने कचरे की समस्या से कैसे निपटता है कौन से अच्छे तरीके अपनाता है.....जैसे यदि कोई वार्ड पूरी तरह से अपराधमुक्त है और छोटे-मोटे झगड़े वे आपसी सहमति से ही निपटा लेते हैं तो न्यायालयों और पुलिस में काम का बोझ कम होत
ऐसी समिति जिनमें 5 या 10 हजार की आबादी वाली एक या दो झुग्गीबस्ती होंगी या जो समिति अनाथालय, निःशक्त बच्चों के स्पेशल अस्पताल, झुग्गीबस्ती या 3 हजार की संख्या वाले सरकारी स्कूल को गोद लेकर विकास कार्य करेगी या कोई ऐतिहासिक धरोहर या वन्य प्राणियों को गोद लेगी उन समितियों को 10 से 20 प्रतिशत का आरक्षण लाभ प्रदान किया जाएगा।
समिति वाले ही साल भर किये गए सर्वश्रेष्ठ कार्यों की झांकी पेश करेंगे और नगर निगम एवं राज्य सरकार इन झांकियों के आधार पर अनुदान/पुरस्कर एवं सम्मान प्रदान करेगी। जिन समिति को लगता है कि उन्हें अनदेखा किया गया है वे अपीलीय अधिकारी के पास अपनी बात रख सकेंगे। अपील अधिकारी निरीक्षण करने के उपरांत अपनी रिपोर्ट विधायक, सांसद और राज्य सरकार को देंगे। झांकियां सिर्फ पौराणिक कथाओं पर नहीं होंगी बल्कि सरकारी योजनाओं, सेवा कार्यो और जनभागीदारी की अनूठी मिसाल पेश करने पर भी आधारित होंगी।
गणेशोत्सव और दुर्गा उत्सव पर मूर्ति छोटी होगी पर कार्यक्रम बड़े स्तर पर होंगे जिनमें वैचारिक ऊर्जा और सेवाकार्यों पर जोर दिया जाएगा। 50 हजार या कम आबादी की एक समिति में विधायक अध्यक्ष होंगे, सांसद संरक्षक होंगे। कमिश्नर, कलेक्टर और संभागायुक्त अपीलीय अधिकारी होंगे। ये समिति साल में एक बार अपने कार्यों को राष्ट्रीय पर्व या गणेश-दुर्गा उत्सव पर झांकी के रूप में अपना प्रस्तुतिकरण देंगे। शासकीय विभागों को झांकी पर व्यय नहीं करना होगा